important questions for class 10th
इस पोस्ट में आप लोगों को जीत-जीत मैं निखरत हूं। कहानी के प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा।
प्रश्न1. बिरजू महाराज कौन – कौन से वाद्य बजाते थे ?
उत्तर – बिरजू महाराज सितार , गिटार , हारमोनियम , बाँसुरी इत्यादि वाद्य यंत्र बजाते थे ।
प्रश्न 2. लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज का क्या संबंध है ?
उत्तर – बिरजू महाराज का जन्म लखनऊ में हुआ था । रामपुर में महाराज जी । का अत्यधिक समय व्यतीत हुआ था एवं वहाँ विकास का सुअवसर मिला था ।
प्रश्न 3. किनके साथ नाचते हए बिरजू महाराज को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला ?
उत्तर – शम्भू महाराज चाचाजी एवं बाबूजी के साथ नाचते हुए बिरजू महाराज को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला ।
प्रश्न 4. नृत्य की शिक्षा के लिए पहले – पहल बिरजू महाराज किस संस्था से जुड़े और वहाँ किनके संपर्क में आए ?
उत्तरः – नृत्य की शिक्षा के लिए पहले – पहल बिरजू महाराज जी दिल्ली में हिन्दुस्तानी डान्स म्यूजिक से जुड़े और वहाँ निर्मला जी जोशी के संपर्क में आए ।
प्रश्न 5 . बिरजू महाराज ने नृत्य की शिक्षा किसे और कब देनी शुरू की ?
उत्तर – बिरजू महाराज ने नृत्य की शिक्षा रश्मि जी को करीब 56 के आसपास जब उन्हें सीखने वाले की खोज थी , देनी शुरू की । उस समय महाराज को सही पात्र की खोज थी ।
प्रश्न 6. बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज किसको मानते थे ?
उत्तर – बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज अपनी अम्मा को मानते थे । जब वे नाचते थे और अम्मा देखती थी तब वे अम्मा से अपनी कमी या अच्छाई के बारे में पूछा करते थे । उसने बाबूजी से तुलना करके इनमें निखार लाने का काम किया ।
प्रश्न 7 . कलकत्ते के दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नर्तक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – कलकत्ते के एक कांफ्रेंस में महाराजजी नाचे । उस नाच की कलकत्ते । की ऑडियन्स ने प्रशंसा की । तमाम अखबारों में छा गये । वहाँ से इनके जीवन । में एक मोड़ आया । उस समय से निरंतर आगे बढ़ते गये।
प्रश्न 8 . संगीत भारती में बिरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी ?
उत्तर – संगीत भारती में प्रारंभ में 250 रु० मिलते थे । उस समय दरियागंज में रहते थे । वहाँ से प्रत्येक दिन पाँच या नौ नंबर का बस पकड़कर संगीत भारती पहुँचते थे । संगीत भारती में इन्हें प्रदर्शन का अवसर कम मिलता था । अंतत : दु : खी होकर नौकरी छोड़ दी ।
प्रश्न 9. अपने विवाह के बारे में बिरजू महाराज क्या बताते हैं ?
प्रश्न 10. रामपुर के नवाब की नौकरी छटने पर हनमान जी को प्रसाद क्या चढ़ाया ?
प्रश्न 11. बिरजू महाराज के गुरु कौन थे ? उनका संक्षिप्त परिचय दें ।
प्रश्न 12. बिरजू महाराज की अपने शागिर्दों के बारे में क्या राय है ?
उत्तर – बिरजू महाराज अपने शिष्या रश्मि वाजपेयी को भी अपना शार्गिद बताते हैं । वे उन्हें शाश्वती कहते हैं । इसके साथ ही वैरोनिक , फिलिप , मेक्लीन , टॉक तीरथ प्रताप प्रदीप , दुर्गा इत्यादि को प्रमुख शानिद बताये हैं । वे लोग तरक्की कर रहे हैं , प्रगतिशील बने हुए हैं ; इसकी भी चर्चा किये हैं ।
प्रश्न 13. शंभू महाराज के साथ बिरजू महाराज के संबंध पर प्रकाश डालिए
उत्तर– शंभू महाराज के साथ बिरजू महाराज बचपन में नाचा करते थे । आग । भारतीय कला केन्द्र में उनका सान्निध्य मिला । शम्भू महाराज के साथ सहायक रहकर कला के क्षेत्र में विकास किया । शम्भू महाराज उनके चाचा थे । बचपन स । महाराज को उनका मार्गदर्शन मिला ।
प्रश्न 14 . बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दःखद समय कब आया ? | उससे संबंधित प्रसंग का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – जब महाराज जी के बाबूजी की मृत्यु हुई तब उनके लिए बहुत दुखदायी समय व्यतीत हुआ । घर में इतना भी पैसा नहीं था कि दसवाँ किया जा सके । इन्होंने दस दिन के अन्दर दो प्रोग्राम किए । उन दो प्रोग्राम से 500रु० इकट्ठे हुए तब दसवाँ और तेरह की गई । ऐसी हालत में नाचना एवं पैसा इकट्ठा करना महाराजजी के । जीवन में दु : खद समय आया ।
प्रश्न 15. पुराने और आज के नर्तकों के बीच बिरजू महाराज क्या फर्क पाते हैं ?
उत्तर- पुराने नर्तक कला प्रदर्शन करते थे । कला प्रदर्शन शौक था । साधन के अभाव में भी उत्साह होता था । कम जगह में गलीचे पर गड्ढा , खाँचा इत्यादि होने के बावजूद बेपरवाह होकर कला प्रदर्शन करते थे । लेकिन आज के कलाकार मंच की छोटी – छोटी गलतियों को ढूँढ़ते हैं । चर्चा का विषय बनाते हैं । उस समय न एयर कंडीशन होता , न ही बहुत अधिक अन्य सुविधाएँ । उसके बावजूद उत्साह था , लेकिन आज सुविधा की पूर्णता होते हुए भी मीन – मेख निकालने की परिपाटी विकसित हुई है ।
कहानी का नाम:। जीत जीत मैं निखरता हूं
लेखक का नाम:। बिरजू महाराज
पाठ्य संख्या:। 8
अगर यह पोस्ट आप लोगों को अच्छी लगी हो तो अपने मित्रों के साथ भी शेयर जरूर करें