Important question for Navy and other exam

Important question for Navy and other exam

Important questions

educational points

नीचे कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर दिए गए हैं। यह प्रश्न अधिकांशत competitive exams में पूछे जाते हैं। यह प्रश्न इंडियन नेवी SSR/ AA और MR के परीक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है।
                         इस पोस्ट में दिए गए प्रश्न तथा उनके उत्तर कक्षा 10 के विद्यार्थियों के लिए भी अति महत्वपूर्ण है।

1.WORK, POWER, AND ENERGY
( कार्य, शक्ति और ऊर्जा )



(1)कार्य

(WORK)


  • बल द्वारा किया गया कार्य , बल तथा बल की दिशा में वस्तु के विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है।
  • कार्य एक अदिश राशि है।कार्य का मूल मात्रक जूूल होता है।
  • कार्य (W)= बल (F) × बल की दिशा में विस्थापन (d) 
  • यदि कोई व्यक्ति किसी पिंड को पृथ्वी की सतह से ऊपर उठाता है, तो उसके द्वारा किया गया कार्य धनात्मक होगा।
  • जब किसी वस्तु को खुरदुरा धरातल पर खींचा जाता है , तब घर्षण बल तथा विस्थापन परस्पर विपरीत दिशा में होते हैं। अंत: घर्षण बल द्वारा किया गया कार्य ऋणात्मक होता है।
  • यदि कोई व्यक्ति एक दीवार को धकेलता है तथा यह विस्थापित ना हो, तो वह कोई कार्य नहीं करता ( क्योंकि उसका कार्य गुरुत्व बल के लंबवत है)
  • यदि बलमा विस्थापन परस्पर लंबवत होते हैं तो किया गयाा कार्य 0 होता है।
2.शक्ति
( POWER )

  • कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं।
  • यह एक अदिश राशि है, इसका मात्रक वाट है।
3.ऊर्जा
( ENERGY )

  • किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं।
  • ऊर्जा एक अदिश राशि है, इसका SI मात्रक जूल है तथा, CGS मात्रक अर्ग है।
  • किलोजूल ऊर्जा का मात्रक है।


ऊर्जा के रूप

  • सौर ऊर्जा ( SOLAR ENERGY ) सूर्य से प्रति दिन प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। यह मानव की निहित ऊर्जा का सबसे पुराना रूप है। सूर्य ही ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है।
  • पवन ऊर्जा ( WIND ENERGY ) तेज गति से बहती वायु में गतिज ऊर्जा होती है, वायु कि यही ऊर्जा पवन ऊर्जा कहलाती है। पवन ऊर्जा का उपयोग पवन चक्कियों, जल पंप, इत्यादि में किया जाता है। वर्तमान में पवन ऊर्जा का उपयोग विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने में भी करते है ।
  • रासायनिक ऊर्जा ( CHEMICAL ENERGY ) किसी पदार्थ में उसके परमाणुओं के रासायनिक बंध केे कारण जो ऊर्जा निहित होती है, उसेेेेे रासायनिक ऊर्जा कहते हैं।                                                                                                   उदाहरण— लकड़ी, कोयला, पेट्रोलियम, इत्यादि के दहन से उत्पन्न ऊर्जा।
  • जैव ऊर्जा ( BIO ENERGY ) गोबर गैस, कचरे, इत्यादि से प्राप्त उर्जा जैैव भार उर्जा होता है। इससे मिथेन गैस उत्पन्नन होती हैै, जो इंधन के रूप में प्रयुक्त होती है। 
  • किसी वस्तु में उसकी गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा को गतिज ऊर्जा            ( ‌KINETIC ENERGY ) कहते हैं।
  • किसी वस्तु की स्थिति या आकृति में परिवर्तन के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता होती है, वस्तु की स्थितिज ऊर्जा।       (POTENTIAL ENERGY ) कहलाती है।
  • उर्जा को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट, परंतु ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है। इसे ऊर्जा संरक्षण                  ( LOW OF CONSERVATION OF ENERGY ) का नियम कहते हैं।
  • गतिज ऊर्जा+ स्थितिज ऊर्जा= नियतांक


 ऊर्जा रूपांतरित करने वाले कुछ उदाहरण

       उपकरण।             ऊर्जा का रूपांतरण

1 डायनेमो
यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में
2 विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में
3 माइक्रोफोन ध्वनि ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में
4 लाउडस्पीकर विद्युत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में
5 विद्युत बल्ब विद्युत ऊर्जा को प्रकाश व उस्मा उर्जा में
6 सोलर सेल सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में
7 मोमबत्ती रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा में
2. तरंग गति और ध्वनि
( WAVE MOTION AND SOUND ) 



1.तरंगे
  • तरंग वाह विक्षोभ है, जिसके माध्यम से ऊर्जा का संचरण एक स्थान से दूसरे स्थान तक होता है।
  • तरंगे सामान्यता दो प्रकार की होती है
  •  
  1. यांत्रिक तरंगें (mechanical wave ) वे तरंगे, जिनके संचरण के लिए भौतिक माध्यम अति आवश्यक है। यांत्रिक तरंगें कहलाती हैं। यांत्रिक तरंग दो प्रकार की होती है।
  1. अनुदैर्ध्य तरंग ( Longitudinal wave ) जब तरंग गति की दिशा माध्यम के कणों के कंपन करनेे की दिशा के अनुदिश ( य समांतर ) होती है, तो ऐसी तरंगों को अनुदैर्ध्य तरंग कहते हैं। ध्वनि तरंगें, अनुदैर्ध्यय तरंगें का उदाहरण है।
  2. अनुप्रस्थ तरंग ( Transverse wave ) जब तरंग की गति की दिशा माध्यम के कणों के कंपन करने की दिशा के लंबवत होती है तो इस प्रकार की तरंगे को  अनुप्रस्थ तरंग कहते हैं।
  2. विद्युत चुंबकीय तरंगे (Electromagnetic waves) ये ऐसी तरंगे होती हैं, जिसके संचालन के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। प्रकाश, उष्मा, विद्युत चुंबकीय तरंगों केेे उदाहरण हैं।                                     जैसे—- दृश्य प्रकाश तरंगे, पराबैैंगनी किरणें, उष्मीय तरंगे, रेडियो तरंगे, X- तरंगे, आदि।
2. ध्वनि तरंगे
  • ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसके कानों पर पड़ने से सुनने की संवेदना उत्पन्न होती है। सामान्यता: वायु के माध्यम में अनुदैर्ध्य तरंग ध्वनि तरंग कहलाती है।
  • ध्वनि तरंगे निर्वात में नहीं चल सकती है।
  • ध्वनि तरंगे अनुधैर्य यांत्रिक तरंगें होती हैं। यह तरंगे वायु में 332 मी/से (लगभग) की चाल से चलती है।
3. ध्वनि के अभि लक्षण
  • धोनी के प्रमुख अभिलक्षण निम्न है
  1. तारत्व अथवा पिच (Pitch Or Sharpness) तारत्व ध्वनि का वह गुण है, जिससे ध्वनि का मोटा या पतला होना ज्ञात होता है।
  2. प्रबलता (Loudness) ध्वनि का वह लक्षण, जिसके आधार पर ध्वनि कान को धीमी यह तेज सुनाई पड़ती है, प्रबलता कहलाती है। ध्वनि की प्रबलता डेसीबल (db) में मापी जाती है।
  3. गुणता (Quality) ध्वनि का वह लक्षण, जिसके आधार पर दो               भिन्न-भिन्न वाध यंत्रों द्वारा उत्पन्न की गई सामान आवृत्ति एवं समान तीव्रता की ध्वनि में अंतर करते हैं। गुणता कहलाता है।
  4. तीव्रता ( Intensity ) किसी एकांक क्षेत्रफल से, प्रत्येक सेकंड में प्रवाहित ध्वनि ऊर्जा की मात्रा ध्वनि तीव्रता कहलाती है।
4. श्रव्य का परिसर

  • आवृत्तियों की परास के आधार पर तरंगों की तीन श्रेणियां हैं।
  1. श्रव्य तरंगे (Audible wave) 20 हर्टृज से 20000 हर्टृज की परास होती हैं। इन्हें हमारे कान सुन सकते हैं।
  2. अवश्रव्य तरंगे (Infrasonic wave) 20 हर्टृज से कम आवृत्ति के परास होती है। इन्हें हमारे कान नहीं सुन सकते हैं।
  3. पराश्रव्य तरंगें ( Ultrasonic wave) इनकी आवृत्ति 20000 हर्टृज से अधिक होती है। इन्हें मनुष्य के कान नहीं सुन सकते हैं, लेकिन बिल्ली, कुत्ता, मच्छर इन्हें सुन सकते हैं। चमगादड़ इन तरंगों को उत्पन्न भी कर सकते हैं।
5. प्रतिध्वनि
  • ध्वनि की पुनरावृति के कारण ध्वनि का परावर्तन प्रतिध्वनि कहलाता है।
  • हमारे मस्तिष्क में ध्वनि की संवेदना लगभग 0.1 सेकंड तक बनी रहती है।
  • ध्वनि के स्रोत तथा अवरोधक के बीच की न्यूनतम दूरी 17.2 मी होती है।
  • दो निकटवर्ती श्रगो तथा गर्तों के बीच की दूरी तरंगधैर्य (Waveleanth) कहलाती है इसकी इकाई मीटर है।
  • 1 सेकंड में किए गए कंपन की संख्या को आवृत्ति कहते हैं।
  • कंपन करने वाले किसी कन द्वारा एक कंपन पूरा करने में लिए गए समय को उस तरंग कण का आवर्तकाल कहते हैं। इसकी इकाई सेकंड है।

0 thoughts on “Important question for Navy and other exam”

Leave a Comment