Important questions for class 10th
इस पोस्ट में आप लोगों को मछली कहानी के प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा
प्रश्न1. मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था?
उत्तर – संतू मछलियों को छूते हुए हिचक रहा था , क्योंकि उसे डर था कि मछली काट लेगी ।
प्रश्न 2 . मछलियाँ लिए घर आने के बाद बच्चों ने क्या किया ?
उत्तर – मछलियाँ घर लाने के बाद बच्चों ने नहानघर (bathroom) में भरी हुई बाल्टी को आधी करके उसमें मछलियाँ को रख दिया ।
प्रश्न 3. मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा क्या थी ?
उत्तर – मछलियों को लेकर बच्चों के मन में अभिलाषा थी कि एक मछली पिताजी से माँगकर उसे कुएँ में डालकर बहुत बड़ी करेंगे ।
प्रश्न 4. झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में क्यों घुस?
उत्तर – झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में घुस गए , क्योंकि इस गली में घर नजदीक पड़ता था । दूसरे रास्तों में बहुत भीड़ थी ।
प्रश्न 5. दीदी कहाँ थी और क्या कर रही थी ?
उत्तर – दीदी घर के एक कमरे में थी । वह लेटी हुई थी और सिसक – सिसककर रो रही थी । वह बार – बार हिचकी ले रही थी जिससे उसका शरीर सिहर उठता था ।
प्रश्न 6. मछली के बारे में दीदी ने क्या जानकारी दी थी ? बच्चों ने उसकी परख कैसे की ?
उत्तर – मछली के बारे में दीदी ने जानकारी दी थी कि मरी हुई मछली की आँख में अपनी परछाईं नहीं दिखती है । बच्चों ने उसकी परख एक मृत मछली की आँख में झाँककर की ।
प्रश्न 7. संतू क्यों उदास हो गया ?
उत्तर – संतू यह जानकर उदास हो गया था कि मछली कुछ देर बाद कट जायेगी । वह मछली को जीवित पालना चाहता था । मछली को बिछुड़ते हुए जानकर वह दु : खी हो गया ।
प्रश्न 8 . अरे-अरे कहता हआ भग्गू किसके पीछे भागा और क्यों ?
उत्तर – अरे-अरे कहता हुआ भग्गू संतु के पीछे भागा क्योंकि संतू एक मछली को लेकर भाग रहा था । भग्गू को डर था कि संतू मछली को कुआँ में डाल देगा जिसके चलते उसे डाँट पडेगी । संतु से मछली लेने के लिए वह उसके पीछे भागा ।
प्रश्न 9. घर में मछली कौन खाता था और वह कैसे बनायी जाती थी।
उत्तर– घर में मछली केवल पिताजी खाते थे । मछली को उस घर का नौकर काटता था । उसे काटने के लिए अलग पाटा था । पहले मछली को पत्थर पर पटककर मार दिया जाता था , फिर राख से मलने के बाद पाटा पर रखकर चाकू से काटा जाता था । मछली बनाने का कार्य नहानघर में होता था ।
प्रश्न 10. मछली और दीदी में क्या समानता दिखलाई पड़ी ? स्पष्ट करें ।
उत्तर – आदमी के चंगल में आकर मछली कटने को विवश थी । पानी के अभाव में अंगोछा में लिपटी मछली लहरा रही थी । दीदी कमरा में करवट लिए , पहनी हुई साडी को सर तक ओढे , सिसक – सिसक कर रो रही थी । हिचकी लेते ही दीदी का पूरा शरीर सिहर उठता था। दीदी का सिहरना एवं मछली का लहराना दोनों में समानता दिखलाई पड़ी।
प्रश्न11. पिताजी किससे नाराज थे और क्यों ?
उत्तर- पिताजी नरेन से नाराज थे । क्योंकि , बच्चों मछलियों के चलते स्वयं परेशान रहे साथ ही भग्गू को भी परेशान किया । बच्चे मछली को पालना चाहते थे कोमल बालमन मछली को कटते देख विह्वल हो उठा और बच्चा एक मछली को लेकर भाग गया । पीछे – पीछे भग्गू को भागना पड़ा । छीना – झपटी की स्थिति आई । पिताजी इन हरकतों के कारण नाराज हुए ।
प्रश्न12. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।
उत्तर – ‘ मछली ‘ शीर्षक कहानी में एक किशोर की स्मृतियाँ , दृष्टिकोण और समस्याएँ हैं । मछलियों के माध्यम से , मूक रहकर प्राणांत को स्वीकार लेना ही । लाचार , शोषित , पीड़ित जनों की नियति है , बताया गया है । जीवन क्षणभंगर है । । कल्पनाएँ क्षणिक हैं एवं स्वप्न कभी भी बिखर सकते हैं । बाल सुलभ मनोभाव । मछलियों के इर्द – गिई घूमते हैं । पूरी कहानी मछली पर ही आधारित है । मछली की दशा का जीवन्त चित्रण है । अंततः दीदी की तुलना भी बालक मछली से करता है । । इस कहानी का ‘ मछली ‘ शीर्षक पूर्ण रूपेण सार्थक कहा जा सकता है ।
प्रश्न 13 . संत के विरोध का क्या अभिप्राय है?
उत्तर- संतू मानवीय गुणों को उजागर करता है । मानव में सेवा , परमार्थ , ममता जैसे गुण विद्यमान होते हैं । परन्तु आज मानव अपने आदर्श को भूलकर , इन गुणों को त्यागकर , स्वार्थ में अंधा होकर विवश और लाचार की मदद में नहीं बल्कि शोषण में लिप्त है । मूक मछलियों को निर्ममता पूर्वक काटते देख संतू उसकी रक्षा को आतुर हो उठता है और उसे बचाने हेतु झपट कर भग्गू के सामने से मछली को लेकर भाग जाता है । इस विरोध का मतलब है कि आज नि : स्वार्थ भाव से बेबस । लाचार , शोषित , पीड़ित जनों की रक्षा , उत्थान एवं कल्याण के लिए अग्रसर होना परमावश्यक है । ममत्व में धैर्य टूट जाता है । सभी प्राणी में अपनी परछाईं दिखनी चाहिए ।
प्रश्न14. दीदी का चरित्र चित्रण करें ।
उत्तर – प्रस्तुत कहानी में मध्यम वर्गीय परिवार की यथार्थ झलक है । दीदी घर , के चहार दीवारी के बीच कठपुतली बन कर रहने वाली एक बाला है । लिंग – भेद परिवार में निहित है । पिता की ओर से स्वतंत्रता नहीं है जिसके चलते घर में ही रहकर समय व्यतीत करती है । वह ममता की मूर्ति है । अपने भाइयों के प्रति अटूट श्रद्धा रखती है । उन्हें प्रत्येक जीवों में अपनी परछाईं देखने की शिक्षा देती है । मछली को विवश होकर कट – जाना उसके लिए पीडादायक है । वह समाज की रूढ़िवादिता के बीच मूक रहकर लाचार , बेबस एवं निर्ममतापूर्वक प्रहार को सहन करने वाले का आत्मा की पुकार को अनुभव करके सिसकियाँ एवं आहभर कर रह जाने वाला कन्या है ।