HISTORY OF INDIA IN HINDI BY EDUCATIONAL POINTS
भारत का इतिहास हिंदी में
PART-1
यह पोस्ट हर स्टूडेंट के लिए बहुत ही उपयोगी तथा महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के प्रश्न अधिकांश परीक्षा में पूछा जाता है, यह पोस्ट खास करके उन विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है जो
- यूपीएससी (UPSC)
- इंडियन एयर फोर्स (IAF)
- इंडियन नेवी (INDIAN NAVY/ MR,SSR AND AA)
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी ( NDA)
- भारतीय रेल (INDIAN RAILWAY)
- एसएससी सीजीएल ( SSC CGL)
- एसएससी जीडी ( SSC GD)
- कोस्ट गार्ड। तटरक्षक ( COAST GUARD)
- बीपीएससी (BPSC)
- बिहार पुलिस
- दिल्ली पुलिस
इन सभी परीक्षाओं की की तैयारी कर रहे हैं।
इस पोस्ट में निम्न बिंदुओं पर विचार किया गया है।
⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
- सिंधु घाटी सभ्यता
- वैदिक काल
- महाजनपद काल
- धार्मिक आंदोलन (जैन धर्म, बौद्ध धर्म)
- मगध का उत्कर्ष ( हर्षद वंश से नंद वंश तक)
- मौर्य साम्राज्य
भारत हमारा देश है भारत का इतिहास हम सभी को जानना बेहद जरूरी है। इसलिए आप लोग इस पोस्ट को एक बार जरुर पढ़ें।
Note: This is part one part of the post
प्राचीन भारत का इतिहास
⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
1.सिन्धु घाटी सभ्यता
- सिन्धु घाटी सभ्यता ( 2500 ई.पू. से 1750 ई.पू. ) को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है ।
- यह सभ्यता उत्तर में माण्डा से लेकर दक्षिण में दैमाबाद तथा पूर्व में आलमगीरपुर से लेकर पश्चिम में सुत्कागेंडोर ( मकरान ) तक विकसित आद्य ऐतिहासिक काल से सम्बन्धित कांस्ययुगीन सभ्यता थी ।
- सिन्धु घाटी सभ्यता नगरीय सभ्यता थी । यहाँ नगरों एवं घरों के विन्यास के लिए ग्रिड पद्धति प्रचलित थी ।
- सिन्धु सभ्यता की लिपि भावचित्रात्मक थी , जो दाईं से बाईं ओर लिखी जाती थी ।
- यह सभ्यता मिस्र तथा मेसोपोटामिया की सभ्यता के समकालीन थी । सैन्धव समाज मातृसत्तात्मक समाज था । यहाँ कुबड़ वाला साँड़ पूजनीय था ।
- सैन्धववासी गेहूँ तथा जौ के साथ – साथ कपास की खेती भी करते थे ।
HISTORY OF INDIA IN HINDI
हड़प्पा सभ्यता: प्रमुख स्थल, उत्खनन कर्ता, वर्ष, नदी स्थित एवं साक्ष्य
HISTORY OF INDIA IN HINDI
भारत का इतिहास हिंदी में
2.वैदिक काल
- वैदिक काल • हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद वैदिक संस्कृति का उदय हुआ । जिसकी जानकारी का मुख्य स्त्रोत , वेद है ।
- इस वैदिक संस्कृति का कालखण्ड 1500 ई . पूर्व से 600 ई . पूर्व तक माना जाता है , जिसके दो भाग हैं – ऋग्वैदिक काल तथा उत्तरवैदिक काल ।
- वैदिक साहित्य में वेद , पुराण , उपनिषद् आदि को शामिल किया जाता है।
- वेदों की संख्या चार है , जो क्रमश : ऋग्वेद , सामवेद , यजुर्वेद तथा अथर्ववेद है ।
- ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है तथा इसकी भाषा पद्यात्मक है । यह देवताओं की स्तुति से सम्बधित है ।
- ऋग्वेद में गायत्री मन्त्र का उल्लेख है , जो सूर्य से सम्बन्धित देवी सावित्री को सम्बोधित है ।
- ऋग्वेद में 10 मण्डल तथा 1028 सुक्त हैं , जिसके दसवें मण्डल के पुरुष सुक्त में चार वर्णों ( ब्राह्मण , क्षत्रीय , वैश्य तथा शूद्र ) का उल्लेख है ।
- ऋग्वेद के सर्वप्रमुख देवता इन्द्र को पुरन्दर कहा गया है , जो वर्षा के भी देवता थे ।
- ऋग्वेद में सरस्वती नदी के लिए नदीतमा , देवीतमा तथा मातेतमा शब्द का प्रयोग हुआ है ।
- सामवेद को भारतीय संगीत का मूल कहा जाता है । इसमें संकलित मन्त्रों को यज्ञ के अवसर पर देवताओं की स्तुति में गाया जाता था । .
- यजुर्वेद की रचना गद्य तथा पद्य दोनों में की गई है । यह वेद मूलत : कर्मकाण्ड प्रधान ग्रन्थ है ।
- अथर्ववेद चौथा वेद है , जिसमें ब्रह्म ज्ञान , औषधि प्रयोग , रोग – निवारण , तन्त्र – मन्त्र तथा जादू – टोना आदि का वर्णन है ।
- पुराणों की संख्या 18 है , इसमें सबसे प्राचीन पुराण मत्स्य पुराण में विष्णु के दस अवतारों का उल्लेख है ।
- उपनिषदों की संख्या 108 है । भारत का सूत्र वाक्य सत्यमेव जयते मुण्डक उपनिषद् से लिया गया है । महाजनपद काल 6 वीं शताब्दी ई.पू. में 16 महाजनपदों का उदय हुआ जिसकी चर्चा बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय तथा जैन ग्रन्थ भगवती सूत्र में मिलती है ।
HISTORY OF INDIA IN HINDI
3.महाजनपद काल
-6 वीं शताब्दी ई.पू. में 16 महाजनपदों का उदय हुआ जिसकी चर्चा बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय तथा जैन ग्रन्थ भगवती सूत्र में मिलती है ।
HISTORY OF INDIA IN HINDI
4.धार्मिक आंदोलन
ई.पू. छठी सदी में ब्रह्मणवादी कर्मकाण्डों के विरुद्ध नास्तिक एवं अनीश्वरवादी जैन एवं बौद्ध धर्मों का उदय हुआ ।
जैन धर्म
- जैन धर्म के संस्थापक तथा प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे । जैन धर्म के तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे ।
- जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक महावीर स्वामी को कहा जाता है । बौद्ध साहित्य में इन्हें निगण्ठनाथ पुत्र कहा गया है ।
- महावीर स्वामी चौबीसवें एवं अन्तिम तीर्थंकर थे ।
- महावीर स्वामी को जाम्भिकग्राम , ऋजुपालिका नदी के तट पर शाल वृक्ष के नीचे 12 वर्ष की तपस्या के पश्चात् ज्ञान की प्राप्ति हुई थी । ज्ञान प्राप्ति के पश्चात् इन्होंने अपना उपदेश प्राकृत भाषा में दिया ।
- महावीर स्वामी के प्रथम शिष्य जमालि ( दामाद ) थे ।
- जैन धर्म स्यादवाद , अनेकान्तवाद , त्रिरत्न , ब्रह्मचर्य जैसे सिद्धान्तों को मानता है ।
- जैन संघ , श्वेताम्बर ( श्वेत वस्त्र धारण करने वाले ) तथा दिगम्बर ( बिना वस्त्र वाले ) में विभाजित था ।
- जैन धर्म की दो संगीतियाँ हुई थी जिनमें पहली स्थूलभद्र की अध्यक्षता में पाटलिपुत्र में तथा दूसरी देवर्धि क्षमाश्रवण की अध्यक्षता में वल्लभी में हुई थी ।
EDUCATIONAL POINTS
HISTORY OF INDIA IN HINDI
बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध हैं। इन्हें लाइट ऑफ एशिया कहा जाता है।
- बौद्ध धर्म में बुद्ध , संघ एवं धम्म को त्रिरत्न कहा जाता है ।
- बौद्ध ग्रन्थों में त्रिपिटक ( पालि भाषा ) सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं । ये हैं – विनयपिटक , सुत्तपिटक तथा अभिधम्मपिटक ।
- बौद्ध प्रतीकों में , कमल एवं साँड़ जन्म का , घोड़ा गृह त्याग का , पीपल वृक्ष ज्ञान का , पद चिह्न निर्वाण का एवं स्तूप महात्मा बुद्ध की मृत्यु का प्रतीक है ।
- बौद्ध धर्म में आष्टांगिक मार्ग का महत्त्वपूर्ण स्थान है ।
5.मगध का उत्कर्ष ( हर्यक वंश से नन्द वंश तक )
- मगध पर सबसे पहले हर्यक वंश का शासन स्थापित हुआ ।
- हर्यक वंश का संस्थापक बिम्बसार था जिसकी हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु ने कर सिंहासन प्राप्त किया ।
- अजातशत्रु ने वज्जि संघ पर आक्रमण कर मगध में मिला लिया ।
- अजातशत्रु के बाद उदायिन ने शासन किया । उदायिन ने पाटलिपुत्र नगर की स्थापना की थी तथा पाटलिपुत्र को अपनी राजधानी बनाया था ।
- हर्यक वंश के पश्चात् मगध पर शिशुनाग वंश ने शासन किया । इसका प्रमुख शासक शिशुनाग था जिसने वैशाली को अपनी राजधानी बनाया ।
- शिशुनाग वंश का अन्त महापदमनन्द ने किया तथा नन्द वंश की स्थापना की । जिसका अन्तिम शासक घनानन्द था ।
- घनानन्द के काल में ही भारत पर सिकन्दर का आक्रमण हुआ । घनानन्द की हत्या कर चन्द्रगुप्त मौर्य ने मगध पर मौर्य सत्ता की स्थापना की ।
EDUCATIONAL POINTS
HISTORY OF INDIA IN HINDI
भारत का इतिहास हिंदी में
6.मौर्य साम्राज्य
- 322 ई.पू. में चन्द्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य ( कौटिल्य ) की सहायता से मौर्य साम्राज्य की स्थापना की ।
- कौटिल्य , चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रधानमन्त्री था , जिसने अर्थशास्त्र की रचना की थी । .
- मौर्य का महल लकड़ी का बना था । मौर्य प्रशासन में समाहर्ता राजस्व अधिकारी होता था । मौर्य साम्राज्य में प्रचलित मुद्रा पण कहलाता था ।
- 305 ई.पू. में चन्द्रगुप्त मौर्य और यूनानी शासक सेल्युकस के बीच संघर्ष हुआ जिसमें सेल्युकस की हार हुई । उसके बाद सेल्युकस ने अपने राजदूत मेगस्थनीज को मौर्य दरबार में भेजा था । मेगस्थनीज ने इण्डिका की रचना की थी ।
- मेगस्थनीज के अनुसार मौर्य के शासनकाल में समाज सात वर्गों में विभक्त था तथा नगर का शासन 30 सदस्यों की समिति द्वारा होता था ।
- चन्द्रगुप्त मौर्य के पश्चात् उसका पुत्र बिन्दुसार ( 297-272 ई.पू. ) गद्दी पर बैठा जिसके शासनकाल में सीरिया का राजदूत डाइमेकस आया था ।
- बिन्दुसार के बाद अशोक मौर्य वंश का शासक बना ।
- अशोक ( 273-232 ई.पू ) ई.पू. मौर्य वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक था । वह 273 ई.पू. में मौर्य साम्राज्य की गद्दी पर बैठा था ।
- 261 ई.पू. में अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया था ।
- अशोक ने अपने शासनकाल में शिलालेख उत्कीर्ण करवाए , जो ब्राह्मी , ग्रीक , अरामाईक तथा खरोष्ठी लिपि में लिखे गए हैं ।
- अशोक के ब्राह्मी लिपि में लिखे शिलालेख का सर्वप्रथम जेम्स प्रिंसेप ने 1837 ई . में पढ़ा था ।
- पहले शिलालेख में पशु हत्या पर रोक का वर्णन तथा तेरहवें शिलालेख में कलिंग युद्ध का वर्णन मिलता है । कलिंग युग के बाद अशोक ने उपगुप्त से बौद्ध शिक्षा लेने के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया था ।
- अशोक ने साँची , सारनाथ तथा तक्षशिला में स्तूप का निर्माण करवाया तथा बराबर की पहाड़ियों में उसने आजीविको को गुफाएँ दान में दीं ।
- मौर्य वंश का अन्तिम शासक बृहद्रथ था ।
Conclusion
🙏♥️अगर यह पोस्ट आप लोगों को अच्छी लगी हो तो अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।♥️🙏