इस पोस्ट में आप लोगों को वैज्ञानिक आविष्कार का सामाजिक सदुपयोग के बारे में लेख मिलेगा।
वैज्ञानिक आविष्कार का परिचय – ‘ विज्ञान ‘ शब्द का अर्थ है – विशेष ज्ञान । मानव आदिकाल से ही नए – नए आविष्कार करता आया है । आज हम जिस युग में जी रहे हैं वह विज्ञान का युग है । विज्ञान के आविष्कारों से जहाँ एक ओर मनुष्य का जीवन सुखमय बना है , वहीं दूसरी ओर उसके विनाश के नए – नए उपाय भी निकल आए हैं ।
इसकी आवश्यकता- यह तो सर्वमान्य है कि विज्ञान ने मानव को बहुत अधिक सुख – सुविधाएँ प्रदान की हैं । मानव जीवन से संबद्ध समस्त घटनाओं में यही तथ्य परिलक्षित होता है । विज्ञान ने विद्युत का आविष्कार करके मानव जीवन में क्रांति ही ला दी है । विद्युत ने मानव को प्रकाश और शक्ति प्रदान की जिससे वह अनेक यंत्रों को चलाने में सफल रहा है । वह घर बैठे ही शिमला की ठंडी हवा खा सकता है तथा सर्दियों में कमरे को गरम रख सकता है ।
इसकी उपयोगिता- विज्ञान ने चिकित्सा जगत् में काफी प्रगति की है । आज मानव द्वारा हृदय एवं मस्तिष्क का ऑपरेशन करना संभव हो गया । नित्य , नई – नई 1 औषधियाँ बन रही हैं । यह सब वैज्ञानिक परीक्षणों का ही परिणाम है । चिकित्सा विज्ञान ने ने अंधों को आँखें दी हैं और बहरों को कान । उसने जीवन को सुंदर और दीर्घ बना दिया है । यातायात के क्षेत्र में विज्ञान की उपलब्धियाँ आश्चर्यजनक हैं । पहिए के आविष्कार ने आज उन्नति की बहुत ऊँची मंजिल तय कर ली है । अब हम ‘ जेट – युग ‘ में जी रहे हैं । ध्वनि से भी तीव्र गति से चलने वाले वायुयान मानव के पास उपलब्ध = हैं । विज्ञान ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तो कमाल ही कर दिखाया है । कंप्यूटरों को इंटरनेट से जोड़कर हमारे जीवन को बहुत सुविधाजनक बना दिया है । अब तो कंप्यूटर के बिना हमें अपना जीवन अधूरा प्रतीत होता है । परंतु , आज मानव के सामने एक बड़ा प्रश्न उपस्थित हो गया है कि विज्ञान के नित्य नए आविष्कारों के कारण यह बदली हुई स्थिति उसके लिए वरदान होगी या अभिशाप ? यह प्रश्न इसलिए खड़ा हुआ है , क्योंकि एक ओर जहाँ मानव विज्ञान का उपयोग अपने हित में कर रहा वहीं दूसरी ओर भयंकर अस्त्र – शस्त्रों के भँवरजाल में फँसता चला जा रहा है । आज एक देश दूसरे देश को वैज्ञानिक शक्ति के आधार पर दबा रहा है । आज जिस देश के पास जितनी अधिक वैज्ञानिक शक्ति है , वही देश अपने को गौरवान्वित मान रहा है ।
हानि – कुछ लोग विज्ञान को इसलिए अभिशाप मानते हैं , क्योंकि इसने बड़े – बड़े संहारक अस्त्रों को जन्म दिया है । इस प्रकार के घातक हथियारों का निर्माण किया है कि सारे संसार को कुछ ही मिनटों में नष्ट किया जा सकता है । आज विश्व में परमाणु अस्त्रों की होड़ बढ़ रही है ।
उपसंहार – हमें विज्ञान को अभिशाप से बचाना होगा । इसकी शक्ति को जन कल्याणकारी कार्यों में लगाना होगा । हमें हथियारों की अंधी दौड़ को समाप्त करना होगा , तभी विज्ञान वरदान बन सकेगा । है