Educational points essay on (बिहार तब और अब) in Hindi

 बिहार तब और अब 

इस पोस्ट में आप लोगों को बिहार तब और अब पर लेख मिलेगा।
मेरा आप लोगों से अनुरोध है कि इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

बिहार तब और अब

यह पोस्ट कक्षा 10 के विद्यार्थियों के लिए अति महत्वपूर्ण है इस टाइप के लेख आप लोगों के बोर्ड एग्जाम में पूछे जा सकते हैं।

EDUCATIONAL POINTS

इस पोस्ट में निम्न पहलुओं पर चर्चा किया गया है।

  1. भूमिका
  2.  अतीत
  3.  विभाजन
  4.  सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक प्रगति
  5.  उपलब्धियां

भूमिका — बिहार भारत का वह भू – भाग है जिसके बिना भारत के इतिहास की कल्पना भी नहीं की जा सकती । राजनीति , धर्म , पांडित्य , साहित्य और अन्यान्य क्षेत्रों में इसकी महती भूमिका है । 


अतीत — बिहार ने ही चाणक्य जैसा अर्थशास्त्री , चन्द्रगुप्त और अशोक जैसा राजा , महावीर और बुद्ध जैसा धर्म प्रवर्तक , आर्यभट्ट जैसा वैज्ञानिक शेरशाह जैसा शासक , जीवक जैसा वैद्यराज , कुंवर सिंह जैसा साहसी वीर , जयप्रकाश जैसा क्रांतिकारी दिया है । गाँधीजी के असहयोग की भूमि भी यही है । 


विभाजन_कभी यह खनिज सम्पदा से भी परिपूर्ण था लेकिन , हाल में झारखण्ड के अलग राज्य बनने से वह संपदा कम हो चली है । ऐसे सम्पन्न राज्य में एक समय ऐसा आया कि यहाँ की ख्याति अपहरण , रंगदारी , बुरी सड़कें , अशिक्षा , गरीबी , कुपोषण , बेरोजगारी के समुद्र के रूप में होने लगी । लोग शाम होते ही घरो में दुबक जाते , किसी को पता नहीं रहता था कि कब आकर कोई रंगदारी माँगेगा , सड़कों में गड्ढे , गरीबी का क्या कहना , बेरोजगारों की तो गिनती ही नहीं , लोग दूसरे राज्यों में रोजी कमाने भागने लगे , उद्योग – धंधे बन्द हो गए । बिहारी कहलाने में शर्म आती थी । 


सामाजिक – आर्थिक – शैक्षणिक प्रगति — किन्तु पिछले कुछ दिनों से बिहार में सब – कुछ नया – नया लगता है चार – पाँच वर्षों के दौरान जो हुआ है , उसकी सराहना सर्वत्र हुई है , हो रही है । पंचायतों और नगर – निकायों में महिलाओं के पचास प्रतिशत आरक्षण से माहौल बदल गया है । नारियाँ सिर उठाकर चलने लगी हैं , वे पंच हैं , सरपंच हैं , निगम की पार्षद हैं । लड़कियों को पोशाक और साइकिल देने की सरकार की योजना से स्कूली छात्राओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है । वे अब लड़कों से कम नहीं हैं । कक्षा नौ में तो लड़के – लड़कियों की संख्या बराबर हो चली है । विद्यालय भवन बन रहे हैं । शिक्षण संस्थान खुले हैं । सूबे में अब चमचमाती सड़कें हैं , एक हजार से अधिक पुलों – पुलियों का निर्माण हो चुका है । 


उपलब्धियाँ- रोजगार के क्षेत्र में भी काम हुआ है । लाख के करीब शिक्षकों की नियुक्ति हुई है । लोगों को नरेगा के अन्तर्गत काम मिलने लगा है , हजारों सिपाहियों की नियुक्ति होनेवाली है । स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत मछली – पालन , मुर्गी – पालन का कारोबार शुरू हुआ है । कुछ चीनी मिलें फिर चालू हो गई हैं । शहद उत्पादन , दुग्ध – उत्पादन में वृद्धि हुई है । बुनकरों के लिए भी सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं । लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए बैंक ऋण देने में नहीं हिचकते ।



Conclusion

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