अंत्योदय {हिन्दी निबंध} 2022

 अंत्योदय {हिन्दी निबंध} 2022

अंत्योदय {हिन्दी निबंध} 2022
अंत्योदय {हिन्दी निबंध} 2022

अंत्योदय {हिन्दी निबंध} 2022

अंत्योदय का शाब्दिक अर्थ है- अंत्य का उदय । अंत्य से तात्पर्य समाज के उस उपेक्षित वर्ग से है , जो समाज में हर दृष्टि से सबसे अंतिम है , सबसे नीचे है । अस्पृश्यता और गरीबी , विवशता और पिछड़ेपन से घिरी अधोगत जनता को उजाले में लाने का प्रयास अंत्योदय कार्यक्रम के अंतर्गत करने की योजना है । अंत्योदय कार्यक्रम का अर्थ है- आर्थिक दष्टि से सबसे अंतिम आदमी का उन्नयन । इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक गाँव के गरीब – से – गरीब परिवारों को सहायता देनी है । इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप निम्म्रतर आर्थिक जीवन जीनेवाले लोग भी गरीबी के दानव से होकर मानवीय गरिमा के अनुरूप जी सकें , तो यही अंत्योदय की परिकल्पना की सार्थकता होगी । आजादी के बाद पैंतालीस वर्षों के गुजर जाने पर विशाल सामाजिक वर्ग ने सामाजिक व्यवस्था में प्रकाश की किरणें नहीं देखी हैं और उन्नति के धवल मार्ग पर चलना नहीं सीखा है । उसी विराट उपेक्षित समुदाय को मनुष्य कहलाने का अधिकार देने की दिशा में अंत्योदय कार्यक्रम एक साहसपूर्ण प्रयास है । महात्मा गाँधी हमेशा समाज के उस अंतिम आदमी के उत्थान की बात करते थे , जिसमें स्वयं विकसित होने का सामर्थ्य नहीं होता । वे मानते थे कि समाज में सबसे अधिक ध्यान उन व्यक्तियों की ओर देना चाहिए , जो सबसे ज्यादा गरीब , उपेक्षित और शोषित हैं । निश्चय ही , भारत जैसे अल्पविकसित देश में कुल जनसंख्या का 50 प्रतिशत भाग गरीबी रेखा से भी नीचे है । 

अंत्योदय {हिन्दी निबंध} 2022

आजादी की लहर और स्वातंत्र्योत्तर परिवेश के विकास कार्यक्रमों से भी भारतीय जनसमूह के जो अंत्यज अप्रभावित रह गए है , उन सबको मानवीय सामाजिक धरातल पर अवस्थित करने का लक्ष्य अंत्योदय कार्यक्रम के सामने है । गरीबी की रेखा से भी नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों का उत्थान ही इस कार्यक्रम का केंद्रीय संकल्प है । इस कार्यक्रम का उद्देश्य है समाज के निर्धन व्यक्ति को गरीबी की रेखा से ऊपर उठाना । ऐसे सभी भारतवासियों की आर्थिक पुनःस्थापना का संकल्प निश्चय ही राष्ट्र की एक महनीय आवश्यकता की पूर्ति की दिशा में उठाया गया कल्याणकारी कदम है । अंत्योदय कार्यक्रम के अंतर्गत गरीबी के दानव के साथ संघर्षरत लोगों को आर्थिक निश्चितता की साँस दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । विकास के लिए निरंतर संघर्षशील एवं आर्थिक सहायता से वंचित लोगों के लिए किया गया यह लाभकारी प्रयास मूलतः महात्मा गाँधी की ही परिकल्पना है । इसलिए गाँधी – जयंती के शुभ दिन 1977 को इस योजना का शुभारंभ राजस्थान में हुआ । कालांतर में समूचे अनेक स्तरों पर अंत्योदय कार्यक्रम को विस्तार मिला । इस कार्यक्रम में गरीबी की रेखा से नीचे जीनेवालों को जीवनयापन की सुविधाएँ दिलाने की अंतरिम कोशिश की जा रही है । राजस्थान में अब तक 81 हजार परिवार इस कार्यक्रम से लाभान्वित 2 अक्टूबर , देश में ( 122 ) चयन कर उन्हें आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर करने की स्पष्ट योजना है । हो चुके हैं । अंत्योदय – कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक गाँव के पाँच निर्धनतम परिवारों का • बिहार में लगभग सत्तर हजार गाँव और टोले हैं । प्रत्येक गाँव के पाँच निर्धनतम • परिवारों का उन्नयन किया जाए , तो राज्यभर में लगभग साढ़े तीन लाख परिवार • लाभान्वित होंगे । इन परिवारों को ग्रामीण एवं कुटीर – उद्योग , गो – पालन , कुक्कुट – पालन , मत्स्य पालन इत्यादि व्यवसायों को अपनाकर आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाने की सलाह और सहायता दी जाएगी । निश्चय ही , अंत्योदय कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है , जिस ओर बहुत पहले ही ध्यान आकृष्ट होना चाहिए था ।

राष्ट्रव्यापी अंत्योदय – कार्यक्रम की अपनी बहुमुखी उपादेयता है । यह न केवल अंत्यजों में उन्नयन का विकासधर्मी प्रयास है , अपितु राष्ट्रीय प्रगति – चक्र को गतिशील बनाए रखने की सुनियोजित परिकल्पना भी है । कोई देश अपनी 50 प्रतिशत जनसंख्या के सहारे समृद्ध और आत्मनिर्भर नहीं हो सकता । भारत में 50 प्रतिशत जनसंख्या का कोई योगदान राष्ट्रीय विकास में नहीं है और इसका कारण अर्धजनसंख्या की गरीबी का निम्नस्तर होना ही है । अंत्योदय कार्यक्रम के अंतर्गत वैसे सभी पददलितों – उपेक्षितों को ऐसी सुविधाएँ प्रदान करने की संकल्पना है , जिसमें गरीबों को अपना रोजगार चलाने की सुविधा प्राप्त हो । भीख माँगने की हीनावस्था से ऊपर उठकर उनकी आर्थिक स्थिति में स्वावलंबन उत्पन्न हो , यही अंत्योदय कार्यक्रम का लक्ष्य है । निश्चय ही , यह लक्ष्य राष्ट्रीय विकास की गति को तीव्रतर करने में सहायक है और इससे देश की सामान्य अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा । अंत्योदय योजना को व्यापक समर्थन और प्रशंसा मिली है , क्योंकि इससे भारत की सबसे अधिक निर्धन जनता को मनुष्य कहलाने के अवसर प्राप्त होंगे । लोकनायक जयप्रकाश नारायण के अनुसार , अंत्योदय कार्यक्रम संपूर्ण क्रांति के दूसरे चरण का महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है । इस कार्यक्रम की महनीयता और उपादेयता का सीधा संबंध देश की निर्धनतम जनता के साथ है । गरीबी की जीवनरेखा से भी नीचे रहनेवाला लोगों का उदय राष्ट्र के स्वर्णिम भविष्य की स्पष्ट परिकल्पना है । अंत्योदय एक ठोस कार्यक्रम है , एक सुसंगठित क्रांति है , एक भविष्योन्मुख साहसपूर्ण कदम है

इसे भी पढ़ें

Dulcoflex Tablet Uses In Hindi

Dermiford Cream Uses In Hindi

SSC GD syllabus in Hindi

ITI kya hai 

IIT kya 

UPSC Kya Hai

Leave a Comment